Tuesday, September 20, 2016

अथ श्री युपु एवं माय लार्ड ठुल्ला-संवाद


माय लार्ड - ये ठुल्ला क्या होता है युपू?

युपू - बहुते बड़े लड़बक हो माय लार्ड। ठुल्ला का मतलब नहीं जानते?

माय लार्ड - ओ युपू! नाऊ व्हाट इज लड़बक? व्हेर डिड यु लर्न आल दीज़ फ्रॉम?

युपू - ये सब लालू जी का आशीर्वाद है... लालू जी ने जब गले लगाया तो मैने उनकी तोंद पकड़ ली... लालू जी घुड़क के बोले "धुत्त बुड़बक एकदम्मे लड़बक है का? ठीक से गला मिल, नाभि से नाभि, छाती से छाती नहीं सटा तो का गला मिले? चोन्हर की तरह पेट पकड़ता है बकलड़"। लालू जी ने गारी गोन्हर की झड़ी लगा दी माय लार्ड, सब कुछ सीख न पाया पर जो कुछ मोतियां बटोरी वो कभी कभी बिखेर लेता हूँ। 

माय लार्ड - ओके ओके! आर्डर आर्डर। काम बैक टू ठुल्ला, इसका कोई डिक्शनरी मीनिंग नहीं है, तुम बोलो क्या मतलब है इसका।

युपू - बड़े बेशर्म हो जी। कपिल शर्मा से कभी पुछा की "बाबा जी के ठुल्लू" में ठुल्लू क्या है? आम आदमी को परेशान करते हो!

माय लार्ड - (लगभग गिड़गिड़ाते हुए) ए बिटवा, बताय दो रज्जा... तुमको लेनिन की कसम। बाबा जी के ठुल्लू पे हंसे तो मगर मतलब पल्ले नाय पड़ी मुन्ना।

युपू - (जलद गंभीर स्वर में, क्षितिज को संदेह से देखते हुए बोले) हे माय लार्ड बाबा जी के ठुल्लू का अभिप्राय बाबा जी के समान से है... बाबा जी लोग, आमतौर पे सन्यासी, अपने समान से मूत्र उत्सर्जन ही करते हैं। बाकि समय उनका सामान ठुल पड़ा रहता है... किसी काम का नहीं, बेकार, बेक़ीमत... घण्टा की तरह बस लटका रहता है। उसी प्रकार ये मोदी की पुलिस भी कुछ करती नहीं बस खड़ी रहती है... अतः हम उन्हें ठुल्ला कहते हैं श्रीमान जी।

माय लार्ड - (कमर के उस भाग को घोर निराशा से देखते हुए जिसपर अभी अभी युपू ने क्लस्टर बम गिरा दिया था) तो क्या पुलिस वाले बड़ा ठुल्लू रखते हैं... जो उन्हें ठुल्ला कहा जाता है?

युपू - यह प्रश्न अदालत की कार्यवाही से बाहर का है मी लार्ड।

माय लार्ड युपू के चरण में तीतर की तरह नतमस्तक हो गए। न्याय की विजय हुई... अन्याय अदालत के बाहर पान पत्ती के लिए चला गया।


 कृते
- उजड्ड

हर हर महादेव

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