मुनमुन भाई काफी बनाते हुए अपने साथी सेकुलर को बता रहे थे की जब
उन्होंने नाइस वाला ट्रक हादसा (हाँ उन्होंने हादसा ही कहा, हमला नहीं)
सुना तो अल्ला ताला से दुआ की कि हे पाक परवरदिगार वो ड्राइवर कोई मूसलमान न
हो, वर्ना ये ट्रंप आने वाले वख्त में कौम का जीना हराम कर देगा... सेकुलर
साथी ने सहमति में सर हिलाया... बात को काटते हुए दूसरे मुनमुन भाई ने कहा
ये कैसे साबित करोगे के वो मुसमान ही था? आजकल किसी को भी पैसा दे दो और
उसका कोई मुसलमान नाम रख के हमले करवा दो... ये सब मुसलमानों को
बदनाम करने के लिए हो रहा है... सेकुलर साथी ने फिर हामी भरी। इनके तर्क
वितर्क और कॉन्सपिरेसी थ्योरी सुनकर मेरे कान भन्ना गए... दिमाग़ का कचूमर
निकल गया। ये सब देख सुनकर समझ में आया की every मुनमुन is a potential
Jihadi... It's just a matter of time, and type.
अचानक सारा ध्यान मरे हुए काफिरों से हटकर सच्चे मुनमुन, उनके विक्टिमहुड,
बैकलैश, अमरीकी इज़राइली साजिश पे आ गया... टाइप जीरो जिहाद अमरीका में फल
फूल रहा है... ये दोनों सच्चे मुनमुन उसी की दो मासूम कलियां है... और
हमारे धीम्मि सेकुलर उसके खाद पानी।
उजड्ड
हर हर महादेव
उजड्ड
हर हर महादेव
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