Tuesday, September 20, 2016

क्रांति का कम्पीटीशन


साथियों! हमारे युपू ने जीवन जीने के लिए बताये गए आवश्यक चार अवयवों - आहार, भय, निद्रा और मैथून* में एक अवयव और जोड़ा था... रायता। रायता जीवन में और विशेष तौर से राजनितिक जीवन में प्रगति के लिए परमावश्यक सिद्ध कर चुके हैं हमारे परवरदिगार...

मगर साथियों युपू ने यह अवयव कॉपी राइट कराया था... हमारी आ आ पार्टी में भी रायता चखने का हक़ सबको है मगर फैलाने का सबको नहीं। ये नेक काम अरविन्द मसीह खुद अपने हाथों से ही करते थे/हैं और रहेंगे। इसी अवयव का एक घटक है लप्पड़ खाना। युपू ने इसमें कड़ी मेहनत की और खूब थप्पड़ खाये... लोगों ने भी क्रांति के पनाले को तर कर करके थप्पड़ जड़े। इसका फायदा भी मिलने लगा... युपू टुच्चे से आम आदमी से आगे बढ़कर विश्व के नेताओं में गिने जाने लगे...ये शॉर्टकट उन घर के भेदी ... टकलू भूषण और दढ़ियल सलीम ने उड़ा लिया... सलीम भी भरे चौराहे स्याही मलवाने लगा... थप्पड़ खाने लगा। युपू के अंडरवियर की हैसियत रखने वाला उन्ही की "मुलायम खाल" पर चींटी जैसा डंक मारने लगा... युपू ने कितनी बार समझाया की थप्पड़ हमें खाने दो, तुम लोग सिर्फ आंसू टपकाओ... मगर हाय रे ये जन नायक बनने की चुल्ल। सलीम और प्रशांत नहीं माने...अंततः युपू ने दोनों को पिछवाड़े लात मारकर बाहर निकाल दिया।

साथियों हर्राता हुवा पड़ाका (थप्पड़) खाने के लिए युपू IBUH हर जुम्मे दुवा मांगते और उपर वाले (आस्ट्रेलिया में नीचेवाले - बकौल चपटी धरती सिद्धांत) की रहमत से कोई न कोई लाली मिल जाता था... मगर साथियों जैसे भुजाओं के नीचे (जिन्हें बगल या कखौरी भी कहते हैं) के बाल चाहे जितना काटो उग आते हैं वैसे ही युपू के थप्पड़खोर प्रतियोगी कही न कही से उग आते हैं... अब ये जे एन यु वाला लौंडा के के... इस स्साले को बस टट्टी पोटी से आजादी का मतलब रखना चाहिए था... जैसे दलित कल्याण बहन जी का, मुस-यादव कल्याण मुलायम जी का, सेकुलर कल्याण सोनिया ममता इत्यादि महान हस्तियों का विभाग है, वैसे ही क्रांति सर जी का डिपार्टमेंट है, उसमे नहीं घुसना चाहिए था के के को... बेकार में आग निगल रहा है... अंगार ही हगेगा*।

के के जिस तरह से मोदी को गाली दे रहा है उससे युपू के गलियों की लज़्ज़त फीकी पड़ रही है साथियों... मगर ये मुआ तो हमारी आ आ पार्टी का चवन्निया सदस्य भी नहीं है... इसके पिछवाड़े कैसे लात मारें... या मौला... वोट बैंक की सेंध बचा ले।

हर हर महादेव
उजड्ड

* एस एल शुक्ल।

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