Friday, February 14, 2014

छिद्रान्वेषण २



आँध्रप्रदेश में, माइनोम्मा (माइनो + अम्मा ) के २ मुह बोल बेटे हैं, चैतन्या और रमेश बाबू | चैतन्या माइनोम्मा को बहुत मानता है | एक मंदिर बनवा दिया है माइनोम्मा का| एक दिन चाकलेट को लेकर दोनों भाइयों में विवाद हुआ -

चैतन्या - मम्मी मम्मी मुझे चाकलेट चाहिए |

रमेश बाबू - नहीं मम्मी मैं अपनी चाकलेट नहीं बाटूंगा |

माइनोम्मा  - बाँट लो बेटा | प्यार बढ़ता है |

रमेश बाबू (गुस्से से आगबबूला होकर) - चपंडी मम्मी | चाकलेट केवल मई काना , बाटना नाइ |

चैतन्या (लगभग रोकर आर्तनाद करते हुए)- इल्ला मम्मी , तुम ५ साल पाहिले कहा था के अगले जुम्मे को ... सारी, मिस्टेक,  चुनाव को ...चाकलेट दूंगी | आज जुम्मा है... सारी - सारी, चुनाव है | चाकलेट दो नाइ तो मई अपना बॉडी को फायर लगता |

माइनोम्मा - यू ब्लडी इन्दियंस | तुम ऐसे नहीं मानेगा | कुछ करना पड़ेगा |

माइनोम्मा (चैतन्या के कान में ) - तुम रमेश बाबू के ऊपर पेप्पर स्प्रे डाल दो |

माइनोम्मा (रमेश बाबू के कान में ) - तुम चैतन्या को माइक उखाड़ के मरना |

चैतन्या और रमेश बाबू टूट पड़े , माइनो मम्मी चिल्लाई -

माइनोम्मा - पकड़ो पकड़ो ये स्तुपिद इंडियन लोगों को | सब चोर है | सब के सब क्रिमिनल है | ये भी मौत के सौदागर की चाल है |

विवाद में हर एक भारतीय शर्मसार हुआ | चाकलेट न चैतन्या को मिली न रमेश बाबू को | माइनोम्मा परदे के पीछे से पूरा चाकलेट गपक गयी |

भाई लोगों - सोमवार को ये बिल फिर से आयेगा | और पारित भी हो जायेगा (जैसा की प्रबल संभावना है) | लिखित पटकथा के आधार पर माइनोम्मा ने बड़ी चालाकी से अपना काम कर लिया | चैतन्या के समर्थक माइनोम्मा के भक्त हैं ही | रमेश बाबू भी अविभाजित-चाकलेट समर्थकों के साथ माइनोम्मा के लिए ही काम करेगा |

मोराल आफ दी इस्टोरी इज़ - दो बिल्लियों की लड़ाई में , बंदरिया रोटी चट कर गयी |

जय आन्ध्र - जय तेलंगाना

(नोट - पात्रों के  नाम काल्पनिक किन्तु प्रासंगिक हैं| जीवित या मृत व्यक्ति से सम्बन्ध तो नहीं है लेकिन रखने वाले रक्खें... मेरी बाला से)

हर हर महादेव

-- उजड्ड बनारसी

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