Tuesday, September 20, 2016

त्वाड्डा राशनकार्ड बना दूं ??


साथियों और सथिनीयों!
जय राशनकार्ड,


सबसे पहले शुभ समाचार।

मनीष फिनलैंड से मच्छरों के नसबंदी तकनीक ले आये हैं। जल्द ही ये तकनीक मोहल्ला क्लिनिकों में उपलब्ध करा दी जायेगी। हर आप्टर्ड भाई को मच्छर नसबंदी की ट्रेनिंग मात्र ७२ रुपये चंदे के एवज में दी जायेगी। सनद रहे ये मादा मच्छर के नसबंदी की तकनीक है। क्योंकि साथियों आप तो जानते हैं बिमारी की जड़ ये औरतें ही हैं... शाज़िया जी तो याद ही होंगी, ऐसा काट के गयी हैं के जिल्लेइलाही की तशरीफ़ पे आज भी चकत्ते और फफोले उभर आते हैं। रात में औंधे मुंह सोते सोते बिस्तर पे ही ड्रिल मारने लगते हैं, जिसे भाभी जी फफोलों पे बेलन मार के शांत कराती है। इसलिए मनीष ने सिर्फ महिला मच्छर नसबंदी की ट्रेनिंग ली है फिनलैंड में। सभी आप्टर्ड भाइयों से अनुरोध है कि ट्रेनिंग के दौरान किसी गायनी सम्बंधित जटिल प्रश्न का उत्तर विश्वास डाक् साब से न पूछें। वो कविता के डॉक्टर हैं, नसबंदी के नहीं।

अब दुःखद समाचार।

जिल्लेइलाही IBUH की जुबान का ख़तना हो गया है साथयों... हाय! मरहम पट्टी कर दी गयी है। जब तक जख्म ताजा है, हमें जिल्लेइलाही के जुबान की लज़्ज़त से मरहूम रहना होगा... मगर साथियों वो मुहब्बत ही क्या जिसमे जुदाई न हो। खैर, सब्र की बात ये है कि ज़बानी खतने के दौरान हमारे कर्मठ युपू बंगलौर के किसी मुख्तलिफ जगह से राशनकार्ड बनाना जारी रक्खेंगे (हुर्रे...) , सुविधा का लाभ लेने कमेन्ट बॉक्स में अपना नंबर, उम्र, लिंग, और पसंदीदा पोजिशन लिख भरें। लिंग विशेष को लकी ड्रा के आधार पर एक झोला खीरा दिया जायेगा। क्रान्ति आ रही है दोस्तों, दबे पांव आपके अपने शहर में।
ओके साथियों!

पैरी पौना, सिद्धू कमीना
- उजड्ड

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