Tuesday, February 4, 2014

प्रपंच कथा ८

प्रिय आमिर खान ,

मैं आपका बहुत बड़ा प्रसंशक हूँ | आपके सामाजिक कार्य का भी मैं कायल हूँ | पिछले साल की तरह इस साल भी आप महिलाओं के ऊपर होने वाले अत्याचार, जैसे दहेज़ हत्या, बल विवाह, भ्रूण हत्या आदि, पर १४ फ़रवरी को कर्यक्रम आयोजित करेंगे | बहुत अच्छे | आप महान हैं |

मगर मुझे अपने ही देश की उन महिलाओं की चिंता होती है जो २०१४ में भी मर्द की जागीर समझी जाती हैं | जिन्हें मर्दों के बराबर बैठने का हक़ नहीं है | जो अपने शौहर के अलावा किसी और मर्द के सामने नहीं आ सकती | जिनके मर्द हमेशा इस भय में जीते हैं की साथ में खड़ा पुरुष कहीं उसकी बेगम को ताड़ न रहा हो | जिन्हें अपने अल्लाह की इबादत के लिए अनुपयुक्त समझा जाता है | जिन्हें मस्जिद में नहीं जाने दिया जाता क्युकी उनमे रजोगुण है| जिन्हें बच्चा पैदा करने की मशीन समझा जाता है | जो गर्मी की भरी दुपहरी में काले रंग के साये में लिपटे होने के लिए अवैज्ञानिक तरीके से मजबूर हैं | जिन्हें आज भी अफ़्रीकी देशों में वीमेन circumcism के लिए मजबूर किया जाता है |

मुझे बड़ा आश्चर्य है की ये चिंता आप जैसे समझदार व्यक्ति को नहीं होती | इन लोगों के बारे में कुछ कहने से आपकी फटती है क्या ?

हर हर महादेव

-- उजड्ड बनारसी

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