Sunday, January 26, 2014

मिठाईयां हैं बच्चों के लिए, परेड है युवाओं के लिए ...

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें | मान्यवर इसे सिर्फ लड्डू और मिठाई बाटे जाने के दृष्टिकोण से न देखें | हमारे गणतंत्र दिवस के उत्सव में हमारी सेना और हमारे समाज की शक्ति, विविधता, सौहार्द हमजोली होते हैं | गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस ही वो दिन हैं जब हमारी सेना हमसे रूबरू होती है | हमारा सेनापति हमसे मुखातिब होता है | यही वह दिन है जब देश अपनी समस्त शक्ति के साथ लोकतंत्र के छत्र के नीचे काम करने का संकल्प लेता है | समस्त विश्व इसका साक्षी होता है |

चंद जड़-बुद्धि-विज्ञ बिना इसका पूरा अर्थ समझे इसको मटियामेट करने के लिए आतुर थे | खून तो बहुत खौला और ये भी समझ में आ गया की आज की पीढ़ी में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो राष्ट्र की संकल्पना को बड़े हलके में ले रहे हैं |

हमारा गणतंत्र, हमारी शान है | इसे समझने के लिए दिल और दिमाग दोनों सही अनुपात में चाहिए | ये वही अनुपात है जिसमे देश के लिए एक सैनिक जान ले लेता है और जान दे देता है | यही वो अनुपात है जिसके लिए हमारा पेपर बेचने वाला वैज्ञानिक हमें मिसाइल शक्ति देने के लिए अपना पूरा जीवन खपा देता है | ये वही अनुपात है जिसके लिए सीमान्त पर बैठी बहन ढलती हुई आयु में विरोधियों का जबड़ा तोड़ कर हमें मैडल दिलाती है | यही वो अनुपात है जिसने भारत को महान quantum वैज्ञानिक दिए | लिस्ट बहुत लम्बी है |

अफ़सोस की चंद तृतीय श्रेणी के मूर्खों के पास इन दोनों मूलभूत इन्द्रिय शक्तियां बेडौल अनुपात में हैं |

पाकिस्तान की आयु भारत के आजादी जीतनी ही है | राष्ट्र संकल्पना के आभाव में आज पाकिस्तान कहाँ खड़ा है ये किसी से छुपा नहीं | उनके और हमारे DNA एक ही है | राष्ट्र भक्ति की गोंद ने जहाँ हमें जोड़ा वहीँ जनप्रिय इस्लामिक विचारधारा ने पाकिस्तान को बरबाद कर दिया|

लोकप्रियता हमेशा राष्ट्रहित में हो यह आवश्यक नहीं |

जय हिन्द
हर हर महादेव

-- उजड्ड बनारसी

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