Saturday, March 21, 2015

नूतन संवत वर्ष बधाई


पीपल आम अमरुद
पे निकले ...
नन्हे नन्हे,
श्यामल छौने|
हरियाली
आनंद से विह्वल
पत्ते-पत्ती ...
किसलय-कोंपल|
ढोल मंजीरे
बजे अवध में
प्रभु आने हैं
नव रातर में |
कौशल्या को
मातृ पूजते
सोंठौरे अछ्वानी
छकते
चैती का सा
सुर देती है
कोयलिया बैरन
गाती है
मंगल करें
प्रभु राम रघुराई
चैत्र, शुक्ल
नव वर्ष बधाई

हर हर महादेव
-- उजड्ड

1 comment:

Priydarshi (प्रियदर्शी) said...

कैसे हो उज्जड, तुम्हरि उज्जडता कहा चलि गयि, थोडा बौरा जाओ भाइ