Monday, February 3, 2014

प्रपंच कथा -६

बिन्नी, पल्टू गैंग का सबसे कारसाज कामरेड है | कजरी बड़ी शिद्दत से चाह रहा है की कोई उसकी सरकार गिरा दे और रोज़ रोज़ की इस जलालत से छुटकारा दिला दे | थप्पड़ और गली खा खा के अंग प्रत्यंग (और शायद गुप्तांग भी) सूज गए हैं |

कांग्रेसी भी बड़े घाघ निकले | कितनी गाली दी मगर इन मोटी खाल वालों के वहां जूं तक नहीं रेंगी | भाजपाइयों को उकसा रहे है की अविश्वास प्रस्ताव ले आयें पर ये संघी कहाँ सुनने वाले | जोगेंदर यादव के बहकावे में आकार छाती चौड़ी करके कह तो दिया की "हम तो जी इनको राजनीती करना सिखा देंगे", लेकिन अब अपना ही अपशिष्ट खाने को मजबूर हो रहे हैं |

ऐसे में खोटा सिक्का बिन्नी ही काम आयेगा | बिन्नी वही कर भी रहा है | बिन्नी ने ललकारा की ४८ घंटे में तुम्हारा घंटा हिला देंगे कजरी!  तो पल्टू गैंग ने कहा अब और न तड़पाओ सजन , हमसे तो ४८ सेकंड भी नहीं झेला जा रहा | आन मिलो सजना | तो इस प्रकार कामरेड बिन्नी ने वो जिम्मा तो ले लिया जिसके लिए भाजपैये नखरा दिखा रहे थे | अब बिन्नी ले आयेगा अविश्वास प्रस्ताव |

हर्षवर्धन जी को एक पोस्ट पेड सलाह (जी हाँ मुफ़्त कुछ भी नहीं है| पोस्ट पेड इसलिए की सलाह अच्छी न लगे तो पेमेंट न दें, और अगर अच्छी लगे तो पेमेंट के रूप में एक धन्यवाद् ज्ञापित कर दें इस नकारे के नाम) देना चाहूँगा - मान्यवर आप सबकी राजनैतिक समझ की दाद मैंने उसी दिन दी जब अपने विपक्ष में बैठने का मन बनाया| अब एक और काम कीजिये, अगर बिन्नी अपना दाँव चलता है तो गुरु आपलोग पतली गली से निकल लेना ... बोले तो वाक आउट कर देना अविश्वास प्रस्ताव पर | उतरने न दो इन बकलोलों को अगले 3 महीने तक | जब तक फट के चर्रा न जाये, चढ़े रहने दो सूली पर |

क्यों मित्रो, सहमत या असहमत ?

बड़ी बेदर्द दुनियां है बड़ा ज़ालिम ज़माना है |
इलाज़े जख्म से बेहतर यहाँ पे ज़ख्म खाना है |

हर हर महादेव

-- उजड्ड बनारसी 

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